Saturday, January 11, 2014

मैं हूं आम आदमी पार्टी..........

मैं हूं आम आदमी पार्टी..........
मैं एक छोटे बच्चे के गेंद से टूटी कार के शीशे की तुलना बड़े पत्थर से कर देती हूं, बच्चा माफी भी मांगता हैं तो माफ नहीं करती, उलटे प्राथमिकी करवा देती हूं, यानी बात का बतंगड़ बनाने में विश्वास रखती हूं।
मैं कश्मीर को भारत से अलग करने का मन में सुंदर भाव रखता हूं।
मैं भ्रष्टाचार हटाने के लिए चिरकूट टाइप के लोगों पर कार्रवाई करता हूं पर भ्रष्टाचार का रिकार्ड बनाने वाले के साथ मिलकर सरकार चलाता हूं।
मैं पीत पत्रकारिता करनेवाले लोगों जैसे आजतक, एबीपी, आईबीएन 7 आदि चैनलों के साथ मिलकर देश का निर्माण करने का ठेका ले रखा हूं।
मैं बिजली का बिल आधा करने के लिए, अपने सरकार का खजाना खाली कर देता हूं और सब्सिडी का सहारा लेता/देता हूं।
मैं मुफ्त में 700 लीटर पानी देता हूं पर हमारे यहां ऐसा मीटर हैं, जहां 700 के बाद मीटर आगे बढ़ ही नहीं पाता, चाहे आप कितना भी पानी क्यों न निकाल लें।
मैं आते के साथ ही 9 अधिकारियों का तबादला कर देता हूं, क्योंकि तबादला हमारा विशेष अधिकार हैं।
मैं विकास की बात नहीं करता, मैं तो सिर्फ स्टिंग की बात करता हूं क्योंकि देश विकास से नहीं स्टिंग से चलती हैं, इसलिए मैं दिल्ली की सारी जनता से कह दिया हूं कि वो सारा काम छोड़कर केवल स्टिंग करें, इससे उनका काम बहुत जल्दी हो जायेगा............
मैं झूठ बोलने का रिकार्ड बनाने की ओर अग्रसर हूं, जैसे मात्र दो दिनों में 23 हजार लोगों की शिकायत सुन ली, कमाल हैं, एडवाइज देनेवाले लोग 23 हजार शिकायतें कैसे सुन ली, वो भी दो दिनों के अँदर,हैं न आश्चर्य.......

मैं जब शपथ लेने जाता हूं तो मेट्रो का इस्तेमाल करता हूं पर विधानसभा जाता हूं तो अपने औकात दिखा देता हूं, बड़ी- बड़ी गाडि़यों का इस्तेमाल करता हूं, जब कोई टोकता हैं तो बड़ी ही बेशर्मी से ये कह देता हूं कि मैंने तो लाल बत्ती इस्तेमाल नहीं करने को कहा था, न कि बड़ी गाड़ियों के इस्तेमाल करने से स्वयं को रोकने को कहा था।
मैं चुनाव के पहले चीख-चीखकर चिल्लाता हूं, कहता हूं कि कांग्रेस और भाजपा के लोगों को जेल के अंदर कर दूंगा पर सत्ता में आते ही ये सब भूल जाता हूं।
मैं जब सत्ता से बाहर रहता हूं तो दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाता हूं और जैसे ही सत्ता प्राप्त हो जाती हैं तो उसे भूल जाता हूं।
जब विपक्ष हमसे सदन में कुछ सवाल पूछता हैं तो उसका जवाब देने में मैं खुद को असमर्थ पाता हूं और 18 सूत्री कार्यक्रम का प्लान विपक्ष को समझाता हूं, इंदिरा गांधी की 20सूत्री कार्यक्रम के अंदाज में.........
मैं हूं आम आदमी पार्टी जो सभी राजनीतिक पार्टियों को गाली देता हूं पर जब सत्ता पाने की लालच हममें जगती हैं तो बड़ी ही बेशर्मी से कांग्रेस के साथ बैठ जाता हूं, यहीं नहीं सदन में कोर्ट उतारनेवाले जदयू के एक मात्र विधायक को भी अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए ललक पड़ता हूं।
आइये मिलकर आम आदमी पार्टी के हाथों को मजबूत करें, ताकि ये फिर कांग्रेस के साथ मिलकर देश में मनमोहन सिंह की तरह राज करें। ताकि चीन और अमेरिका के सपने जल्द पूरे हो जाये, देश में एक कमजोर पार्टी का शासन हो जाये, देश में एक कमजोर प्रधानमंत्री दीखे, जो अमेरिका और चीन के इशारे पर ताता थैया करें, 

कैसी रही..................

Thursday, January 9, 2014

चाटुकारिता में आजतक ने देश के सारे चैनलों को पीछे छोड़ा, शीर्ष स्थान पर अपनी सीट बरकरार रखी.................

चाटुकारिता में आजतक ने देश के सारे चैनलों को पीछे छोड़ा, शीर्ष स्थान पर अपनी सीट बरकरार रखी। जी हां, ये सत्य हैं। अभी पूरे देश के सारे राष्ट्रीय चैनलों में एक-दो को छोड़कर, होड़ लगी हैं कि अरविंद केजरीवाल की चाटुकारिता में कौन किसको पीछे छोड़ता हैं। इसमें आज तक ने अपनी सीट पहले की तरह बरकरार रखी है। कल इस चैनल ने अरविंद की तुलना महात्मा गांधी से कर दी। इस चैनल ने इसके लिए रिचर्ड एटनबरो की गांधी फिल्म का सहारा लिया और व्ही. शांताराम की सुप्रसिद्ध फिल्म दो आंखे बारह हाथ का गाना - हम भलाई करे, वो बुराई करे, कभी बदले की न हो कामना गाने को अरविंद केजरीवाल के चरणों में समर्पित कर, स्वयं को धन्य - धन्य और भारतीय जनमानस के सामने ये भाव प्रस्तुत किया कि हे देशवासियों तुम्हारा तारणहार आ गया हैं।
याद करिए दूरदर्शन का जमाना, जब आज तक जैसे चैनल नहीं थे। इंदिरा जी का देहावसान हो चुका था। राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने थे। दूरदर्शन राजीव गांधी को मि. क्लीन के रुप में इस प्रकार प्रस्तुत करता था जैसे लगता था कि राजीव गांधी नहीं तो कोई नहीं और इसे लेकर सारा विपक्ष दूरदर्शन की आलोचना करने से नहीं चूकता। किसी ने तो इसी पर दूरदर्शन का नाम बदलकर राजीव दर्शन कर दिया था। ठीक उसी प्रकार आज तक चैनल का नाम केजरीवाल तक कर दिया जाय तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। इस चैनल ने हद कर दी हैं। चाटुकारिता व ठकुरसोहाती के ऐसे - ऐसे बोल, ये बंदा बोल रहा हैं, जैसे लगता हैं कि इसने आम आदमी पार्टी से करार कर लिया हो, कि वो उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा में सदन में बहुमत दिलाकर रहेगा। जबकि सच्चाई ये हैं कि इस पार्टी ने अब तक कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो अनुकरणीय हो। इस अरविंद केजरीवाल से भी बेहतर और ईमानदार, सादगी में जीनेवाले मुख्यमंत्री हैं पर ये उन्हें स्थान नहीं देता। सिर्फ हरे राम हरे राम वाली महामंत्र की जगह हरे अरविंद हरे अरविंद जपता रहता हैं और पूरे देश से जपवाने की काम करता हैं। जिससे देश की पत्रकारिता को लोग संदेह की नजरों से देख रहे हैं।
हम आपको बता दें कि जिस प्रकार से इस चैनल ने अरविंद की तुलना गांधी से कर दी, ऐसी तुलना तो लाल बहादुर शास्त्री जैसे ईमानदार व सादगी के महान पुरोधा की भी नहीं की गयी थी। गांधी की तुलना, अरविंद से करना, गांधी का भी अपमान है। गांधी एकता के सूत्रधार थे, ये अलग बात थी कि गांधी के रहते, भारत तीन टुकड़ों में बंट गया। दो देश बने - भारत और पाकिस्तान। पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी में ऐसे - ऐसे घटिया स्तर के लोग हैं जो इस खंडित देश को और भी खंड-खंड करने में लगे हैं। मानवाधिकार की आड़ में कश्मीर को भारत से अलग करने की बात कहते है। विपरीत परिस्थितियों में देश की आन-बान और शान के लिए लड़ रहे हमारे सैनिकों के कार्यों की नुक्ताचीनी करते हैं। फिर भी देश भक्त कहलाते हैं। आश्चर्य हैं कि  वातानुकूलित कमरों में बैठनेवाले आम आदमी पार्टी के घटियास्तर के नेता व आजतक के पत्रकारों को लज्जा नहीं आती। बड़ी ही बेशर्मी से आम आदमी पार्टी की जय जयकार में लगे हैं। भाई, भारत ऐसा देश ही हैं जहां पृथ्वी राज चौहान के समय जयचंद भी था, अकबर के शासनकाल में जब महाराणा प्रताप अकबर से लोहा ले रहे थे तो उसी वक्त मान सिंह भी मौजूद था। तो ऐसे समय में वर्तमान स्थिति में ऐसे लोग भी दिखाई पड़ रहे हैं तो क्या गलत हैं। फिर भी जो महाराणा प्रताप और पृथ्वीराज चौहान को माननेवाले लोग हैं, उन्हें ध्यान रखना होगा कि इस बार जयचंदों की फौज जीत न सकें।

Wednesday, January 8, 2014

स्टिंग के बहाने अरविंद की स्तुति............

एक कहानी सुनाता हूं। चंपकपुर प्रदेश में एक चुल्लू पाल नामक राजा था। एक दिन वह अपने मंत्रियों और सहकर्मियों के साथ नाटक देख रहा था। नाटक जब चल ही रहा था कि नाटक के एक परिदृश्य में किन्नरों का आगमन हुआ। किन्नर सैनिकों की भूमिका में थे। साथ ही ये सैनिक बने किन्नर इस प्रकार की तलवारबाजी कर रहे थे कि चुल्लू पाल राजा को लगा कि उसके प्रदेश में सैनिकों की जगह इन किन्नरों की बहाली कर ली जाये तो उसका प्रदेश शत्रु के भय से मुक्त हो जायेगा। उसने तुरंत आदेश जारी किया कि चंपकपुर प्रदेश से सारे सैनिकों को हटाया जाये और उसके जगह पर इन किन्नरों की बहाली की जाय। फिर क्या था राजा का आदेश का पालन हुआ। वर्तमान सैनिकों की जगह किन्नरों ने ले ली। इधर चंपकपुर का शत्रु राजा वनपुर नरेश धूमल को इस बात की जानकारी मिली तो वह तुरंत चंपकपुर पर आक्रमण करने का आदेश दिया था। इधर चुल्लू पाल ने सैनिक बने किन्नरों को बुलाया और तुरंत आक्रमण का जवाब देने को कहा। चुल्लु पाल के इस बात को सुनते ही, सैनिक बने किन्नर ये कहकर भाग खड़े हुए कि भला हम क्या लडेंगे, भगवान ने तो उन्हें सिर्फ हाथ से ताली बजाकर छक्के लगाने को पैदा किया और इस प्रकार वनपुर नरेश धूमल का चंपकपुर प्रदेश पर कब्जा हो गया.............।
ठीक इसी प्रकार की कहानी हमारे देश के दिल्ली प्रदेश में दिखाई पड़ रही हैं। जिसे करना चाहिए, वो कर नहीं रहा और जिसे नहीं करना चाहिए, वो करने का साहस नहीं बल्कि ढीठई दिखा रहा हैं, जैसे लगता हैं कि दूनिया का सारा सदाचार उसके अंदर समा गया हैं और वो दिल्ली को बेहतर करके रहेगा। इसी चक्कर में दिल्ली की भद्द पीट रही है, जिसकी चिंता किसी को नहीं हैं। अभी हाल ही में दिल्ली में कल तक कांग्रेस को गाली देनेवाली आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के सहयोग से ही सरकार बनायी हैं। एक राष्ट्रीय चैनल हैं, आजतक - आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की बिरदावली गा रहा हैं। आपायण गा रहा हैं। इधर कुछ स्टिंग भी दिखाई जा रही हैं, इस चैनल पर। स्टिंग में कुछ चिरकुट टाइप के कर्मचारी, अधिकारी घूस लेते पकड़े गये, दिखाये गये हैं। जैसा कि सर्वविदित हैं इस प्रकार कि हरकत दिखाये जाने पर, कोई भी सरकार संबंधित लोगों पर कार्रवाई करती हैं, निलंबित करती हैं, दिल्ली की सरकार ने भी किया हैं। इसी दौरान इस प्रकार की हरकतों के बीच आम आदमी पार्टी, आज तक चैनल की भूरि- भूरि प्रशंसा करने में लग गयी हैं, और आज तक वाले आम आदमी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करने में लग  गये हैं। जैसे लगता हैं कि दिल्ली में राम राज्य आ गया। पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचारियों की खैर नहीं। जबकि सच्चाई ये हैं कि सिर्फ चिरकुट जैसे लोगों पर ही कार्रवाई हुई हैं, घाघ लोगों पर नहीं और न ही इन चैनल के स्टिंग करनेवाले पत्रकार बने कलाकारों की हिम्मत हैं कि घाघ लोगों को पकड़ सकें।
एक बात और, जो स्टिंग कर रहे हैं, मैं तो कहूंगा कि थोड़ा अपने संस्थान में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों तथा दूर दराज के इलाकों में काम कर रहे अपने संवाददाताओं की भी स्टिंग करा लेते तो पता चलता कि उनके यहां कितना सदाचार हैं। अरे भाई तो स्टिंग का कैमरा का मुंह जिधर रहेगा, वहीं फंसेगा न, गर कैमरा का मुंह संवाददाताओं और चैनल के प्रंबंधनकर्ताओं पर रहेगा तो क्या होगा, सभी जानते हैं। यानी ये कितने देशभक्त और समाजभक्त हैं, उसका चरित्र उजागर हो जायेगा। इधर आजतक वाले अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम की जय जयकार करने में लगे हैं। जय - जयकार ऐसी, जैसा लगता हैं कि दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं। इनकी दोस्ती और भाईचारे पर तो श्रीरामचरितमानस की पंक्तियां भी फेल हो जायेगी। जब दोस्ती और भाईचारे की ऐसी दास्तां टीवी पर शो के दौरान दिखाई जा रही हैं तो हमारा विचार हैं कि आजतक को आप में विलय कर देना चाहिए। पुण्य प्रसुन वाजपेयी को दिल्ली का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, क्योंकि अब अरविंद केजरीवाल तो देश के प्रधानमंत्री की कैंडिडेट हो गये हैं। ऐसे में दिल्ली की जिम्मेदारी पुण्य प्रसुन जी संभाल लें तो कितना सुंदर होगा। आजतक और आप दोनों का बेड़ा पार। हम भी कह सकेंगे कि देखों फिल्म नायक का ये रियल हीरो। और इसी खुशी में पूरे दिल्ली प्रदेश में नायक फिल्म को कर मुक्त कर फिर से हर सिनेमा हाल में दिखाया जायेगा। लोगों को मुफ्त में पानी, मुफ्त में बिजली और अब मुफ्त में फिल्म भी, क्या बात हैं। 
कहने का तात्पर्य हैं कि आज के पत्रकारों को क्या हो गया है। पत्रकार किसी की चाटुकारिता करता हैं क्या। पत्रकार संदर्भ रखता हैं। निर्णय जनता को करना हैं, पर यहां तो समाचार दिखाने के क्रम में चाटुकारिता हो रही हैं। इस प्रकार आप पार्टी का गुणगाण हो रहा हैं, जैसे लगता हो कि ये आप के राष्ट्रीय सलाहकार की तर्ज पर काम कर रहे हो। और इसी क्रम में पूरे देश की जनता गुमराह हो रही हैं। ठीक उसी प्रकार जैसे कभी आसाराम, तो कभी तरुण तेजपाल की चक्कर में यहां की जनता स्वयं को लूटा बैठी हैं। मेरा मानना हैं कि किसी को भी देश की जनता ने ये अधिकार नहीं दिया कि वो चैनल पर बैठकर अनाप शनाप बोले, प्रवचन करें। सरकार को चाहिए कि इस प्रकार की हरकतों को देखते हुए, राष्ट्रीय चैनलों के लिए भी कुछ मानक तय करें, नहीं तो देश और समाज हाथ से निकल जायेगा और ये लोग बैठकर जनता को मूरख बना, देश पर राज करते रहेंगे, देश गुलाम बनता रहेगा। जैसा कि शुरुआत में हमनें कहानी से अपनी बात कह दी...........

Monday, January 6, 2014

जब पत्रकार कलाकार हो जाये तो क्या होगा..........

जब पत्रकार कलाकार हो जाये तो क्या होगा....................
वहीं होगा जो आप देख रहे हैं
1. दिल्ली में बैठा राष्ट्रीय चैनलों का एंकर आपायण गायेगा।
2. अरविंद केजरीवाल की स्तुति गायेगा।
3. अरविंद की हर गलतियों पर पर्दा डालेगा।
4. अरविंद को जो पसंद आयेगा, वहीं बात करेगा।
5. पाकिस्तान का प्रधानमंत्री, विदेशों में भारत के प्रधानमंत्री की जब इज्जत उतारेगा तो उस समय उसके साथ बैठकर नाश्ता करेगा।
6. अपनी पत्रकारिता की जमीर बेचेगा।
7. जब संसद में बैठे सांसदों को पैसे से खरीदा जायेगा, तो उस वक्त की विजूयल उसके पास रहने के बावजूद उस विजूयल को नहीं दिखायेगा, जब देश और विदेश में उस पर थू थू होगी तब जाकर, बहुत अर्से बीत जाने के बाद कांट छांट कर समाचार दिखायेगा, तब तक उक्त समाचार की अहमियत भी नहीं रह जायेगी।
8. देश का सबसे बड़ा उद्योगपति या उसका परिवार कुछ भी अतःतः करेगा, तो उसके खिलाफ वह आवाज नहीं उठायेगा।
9. एक नहीं कई तरीकों से पैसे कमायेगा।
10. अपनी अंतरात्मा को बार-बार बेचेगा और ढिंढोरा पीटेगा कि दुनिया का सबसे बडा़ और नेक पत्रकार वहीं हैं, वहीं हैं, वहीं हैं............
11. एक ही पत्रिका में खुद भी लिखेगा और अपनी पत्नी से भी लिखवायेगा।
12. राज्य सरकार से मिलनेवाली किसी भी मीडिया फैलोशिप को गलत तरीके से पाने की कोशिश करेगा, और दूसरो को भी दिलवायेगा, एक कोशिश और करेगा कि वह अपनी पत्नी को जरुर उपकृत करवाये।
13. पत्रकारिता की आड़ में कई संस्थानों में अपनी गाड़ी भी चलवायेगा, कई कंपनियों का काम भी करवायेगा और अपनी पत्नी अथना प्रेमिका को स्विटजरलैंड की सैर करवायेगा।
पत्रकारिता में फैले इन दुराचारियों से पत्रकारिता को मुक्त कराइये,
देश को आगे बढ़ाईये............ 

Thursday, January 2, 2014

हमने देखा है....................

हमने देखा है
2014 के पहले दिन 
नये वर्ष का स्वागत करते
बहकते कदमों, पागल मन और
थिरकते पगों को अपने आप पर
मचलते देखा हैं..............
बीच सड़कों पर कटते बकरों,
दम तोड़ते मौत से छटपटाते मुर्गों,
और इसी बीच ठहाके लगाते
कसाईयों को मुस्काराते देखा हैं............
बड़े - बड़े होटलों से
छोटे होटलों तक,
शहरों से गांवों तक,
शराब से नहाते - नहलाते
युवक-युवतियों को देखा हैं...............
धूल से नहलाने को विवश करते
सड़कों पर कारों
और बाइक सवारों को
एक दूसरे को पछाड़ते देखा हैं...........
खाने-पीने के बीच,
मस्ती और आनन्द लेने के क्रम में,
झूठे आनन्द की खोज में.
तमंचों से चली गोलियों के बीच
दो जानों को लूढ़कते देखा हैं..............
कोई कहता बिहार जागे
तो देश आगे
पर इस नारे को सदा के लिए
सुलाने को तैयार,
सरकार को कदम बढ़ाने को
संकल्पित देखा है..............
एक नहीं कईयों को
अच्छे से अच्छे बननेवाले भइयों को
आदमी नहीं शैतान बनते देखा हैं...............
2014 के पहले दिन
नये वर्ष का स्वागत करते
बहकते कदमों, पागल मन और
थिरकते पगों को अपने आप पर
मचलते देखा हैं..............